5 लोगों की हत्याकांड का मामला फिर सुर्खियों में, कोर्ट के आदेशों के बाद भी नहीं हो रही कार्यवाही
सत्यखबर फरीदाबाद (मनोज सूर्यवंशी) – ग्रेटर फरीदाबाद के गांव पलवली में 17 सितबंर 2017 को हुए 5 लोंगों के हत्याकांड के आरोपियों के परिजनों ने आज पुलिस आयुक्त से मुलाकात की। परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाया कि कोर्ट ने दूसरे पक्ष पर भी धारा 307 दर्ज कर गिरफतार करने के आदेश जारी किये हैं मगर पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है, उनकी मांग है कि कोर्ट के आदेशों की पालना करते हुए पुलिस को जल्द दूसरे पक्ष के लोगों को भी गिरफतार करना चाहिये, क्योंकि जो अपराध उनके संबंधियों ने किया उसकी सजा तो उन्हें मिल गई है मगर उन्होंने अपराध अपने बचाव में लाईसेंसी रिवाल्वर से किया था जो कि जायज था मगर दूसरे पक्ष ने उन्हें जान मारने की कोशिश की थी, जिनके उपर धारा 307 कोर्ट ने लगा दी है अब वह भी कार्यवाही चाहते हैं।
फरीदाबाद के गांव पलवली का बहुचर्चित हत्याकांड एक बार फिर से तूल पकड रहा है, 17 सितबंर 2017 की रात पलवली गांव में सरंपच परिवार ने एक साथ 5 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसमें पुलिस ने कार्यवाही करते हुए 28 लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया और सभी को जेल भेज दिया था, जिनके उपर आज भी केस चल रहा है। अब इस मामले में आरोपी सरपंच परिवार के परिजन पुलिस आयुक्त से मिलने उनके कार्यालय सेक्टर 21 सी पहुंचे जहां उन्होंने पुलिस आयुक्त संजय कुमार से मांग की कि कोर्ट ने दूसरे पक्ष के लोगों पर धारा 307 के तहत मामला दर्ज कर गिरफतार करने के आदेश जारी किये हैं मगर अभी तक पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की है।
परिजनों का कहना है कि 17 सितंबर की रात उनके सगे संबंधितयें के उपर हमला हुआ था, सरपंच बिल्लू को दूसरे गुट के लोगों ने घेर रखा था लाठीं डंडों मार रहे थे तभी उनके भाई ने आकर अपने भाई के सेल्फ डिफेंस में लाईसंेसी रिवाल्वर से पहले हवाई फायर किया जब वो नहीं हटे तो मजबूर खुद के बचाव में गोली चलानी पडी जो कि उन लोगों को जाकर लगी जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई, पुलिस बुजुर्ग और महिलाओं को भी नहीं बख्सा और हत्या में शामिल करके जेल भेज दिया, फिलहाल कोर्ट ने दूसरे गुट के लोगों पर हत्या की कोशिश के आरोप में धारा 307 लगाकर आरोपियों को गिरफतार करने के आदेश दिये हैं मगर अभी तक पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की है उनकी मांग है उन्हें तो सजा मिल रही है मगर सजा के हकदार तो दूसरे पक्ष के सदस्य भी है फिर पुलिस कोर्ट के आदेशों के बाद भी उनपर कार्यवाही क्यों नहीं कर रही है।